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राजनांदगांव। बसपा नेता शमशुल आलम ने आबकारी विभाग के सहायक आबकारी आयुक्त यदुनंदन राठौर द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार, कोचियागिरी और शराब दुकानों में पदस्थ रहे सेल्समैनों के ऊपर अत्याचार कर रहे कृत्य पर सेल्समैनों के साथ राजनांदगांव प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता ली।
प्रेस वार्ता के दौरान शमसुल आलम ने बताया कि सहायक आबकारी आयुक्त के इतने कारनामे हैं कि जितना तारीफ की जाए कम है, कई बार शिकायत की जा चुकी है, कोचियागिरी रोकने, शराब दुकानों से बिना कारण बताए दिसंबर माह से निकालने, कोचियों से 200 रुपए पेटी पीछे लेना हो, चाहे बिना योग्य हुए गलत तरीके से सुपरवाइजर बनाए रखना या मनमानी करना हो, सभी में सिर्फ एक ही नाम प्रमुखता से सामने आता है यदुनंदन राठौर ये नाम देखते ही देखते कलेक्टर, पूर्व मुख्यमंत्री पर भी भारी पड़ते दिखाई दे रहा है।
शमसूल ने कहा कि मेरे साथ जो मेरे आसपास बैठे हैं ये वो सेल्समैन है, जिन्हें बिना कारण बताए सहायक आबकारी आयुक्त यदुनंदन राठौर ने काम से निकल दिया व दिसंबर माह से आश्वासन दे रहे हैं, कभी बोलते हैं मैने भेज दिया, कंपनी अप्रुव नहीं की है, उसके पश्चात छत्तीसगढ़ आबकारी आयुक्त आर संगीता मैडम को आवेदन देने व श्रम अधिकारी से शिकायत पर सहायक आबकारी आयुक्त राठौर व राजदीप कंपनी ने चार कर्मचारियों को रख लिया था तथा 9 और कर्मचारियों को एक महीने के अंदर काम पर रखने का आश्वाशन दिया था। 4 कर्मचारियों हिम्मत, संतोष व अन्य ने अपनी ड्यूटी ज्वाइन कर ली थी, तीन दिन लगातार कार्य करने पश्चात अचानक यदुनंदन राठौर ने फिर से बिना कारण निकल दिया, पूछे जाने पर उसने भाजपा के राजकुमार जी पूर्व सांसद जी के पास जाकर उनसे फोन लगवाने को कहने लगा, कर्मचारी विधानसभा अध्यक्ष के ऑफिस पहुंचे, वहां से फोन लगाने पर नई दुकान खुलने पर रखूंगा कहकर घुमाने लगा। कर्मचारियों के परिवार की स्थिति दयनीय हो गई है। साथ ही बसपा नेता शमसूल की शिकायत पर बिना योग्य कर्मचारियों की जांच रायपुर ऑफिस द्वारा उड़नदस्ता टीम गठित कर की गई। साथ ही आदेशित कर अयोग्य सुपरवाइजरों को हटाने के लिए आदेशित किया। सहायक आबकारी आयुक्त ने उस आदेश को भी दबा दिया, उस आदेश की कॉपी भी शमसूल आलम ने पत्रकार साथियों को उपलब्ध करा दिया है। चिखली भट्टी के सुपरवाइजर धनपत को एडीओ सहारे द्वारा हटाने को आदेशित किया था, जिसमें सुपरवाइजर द्वारा स्वयं लेटर एडीओ सहारे को दिया गया था, पर ये सुपरवाइजर यदुनंदन राठौर के आर्थिक लाभ के साधन बने हुए हैं, जिसका पैसा सीधा यदुनंदन राठौर की जेब में जाता है, इसलिए इस कार्यवाही के पश्चात राठौर ने एडीओ सहारे को हटाकर वेयरहाउस का रास्ता दिखा दिया। साथ ही एक चैनल के माध्यम से किया गया जिसमें डोंगरगढ़ शराब कांड जिसमें होलोग्राम व 500 पेटी शराब बरामद हुई थी, उसके कुछ आरोपी पकड़ा गए थे, पर अभी अभी कुछ और पकड़ाए हैं, उसमें से एक ने दावा किया है आबकारी विभाग के बेलगांव भट्टी में 200 रुपए पर पेटी लिया जाता था, जिससे आबकारी विभाग के संरक्षण की आशंका भी डोंगरगढ़ शराब कांड में दिखाई पड़ती है। साथ ही अर्जुनी व डोंगरगांव से भी बार-बार कोचियागिरी करवाने की शिकायत मिलती रही है, जिसका सीधा आर्थिक लाभ सहायक आबकारी आयुक्त को जाता है इसलिए वे बंद नहीं करवाना चाहते।
प्रेस कॉन्फें्रस में उपस्थित निकले गए सेल्समैनों ने भी अपनी आपबीती मीडिया से साझा की तथा उन्हें न्याय दिलाने की गुहार लगाई है। उन्होंने बताया कि किस तरह उनका जीवन भयावह तरीके कट रहा है, वो शिकायत की गुहार लेकर आबकारी आयुक्त, कलेक्टर, छत्तीसगढ़ आबकारी आयुक्त और एमडी व पूर्व मुख्यमंत्री व विधायक को शिकायत कर चुके हैं, पर उन्हें कहीं इंसाफ नहीं मिल पा रहा है। साथ ही उन्हें दिसंबर माह में काम करवाकर उसका भी पेमेंट नहीं दिया गया। इधर आबकारी अधिकारी अपने लोगों को दुकान में रखने और नेताओं की चापलूसी में लगे हुए हैं। साथ ही कुछ नेताओं जैसे पूर्व सांसद को बदनाम करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। क्लास सभी निकले गए सुपरवाइजरों ने भी ठान लिया है कि आबकारी आयुक्त के चैंबर के सामने बैठकर धरना देंगे। साथ ही बसपा नेता शमसूल आलम ने धरना को समर्थन देने की बात कही है।
इस अवसर पर बसपा नेता शमसूल आलम के साथ बिलाल सोलिन खान, ऋषभ रामटेके, सेल्समैन हिम्मत साहू, संतोष सिन्हा, श्रवण देवांगन, थानवार सिन्हा, लोकेश सिंह, समीर ठाकुर, दिलीप मांडवी और विक्रम आदि उपस्थित थे।