देश24 न्यूज:
Raipur. दुर्ग सांसद विजय बघेल ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को फर्जी आदमी करार देते हुए कहा कि बिना जानकारी लिए स्वामी आत्मानंद स्कूलों (Swami Atmanand School) के नाम को बदलने का आरोप साय सरकार पर लगा रहे हैं। बिना सोचे-समझे वे साधु-संतों का अपमान करने का आरोप लगा रहे हैं। साधु-संतों का मान-सम्मान करना उनसे ज्यादा भारतीय जनता पार्टी को आता है। यह हमारे संस्कार में है, हमारे डीएनए में है, हमारे रग-रग में है।
साधु-संतों का मान-सम्मान करना हमारे संस्कार में है, हमारे डीएनए में है, हमारे रग-रग में है...
सांसद विजय बघेल ने स्पष्ट किया है कि, कहीं भी स्वामी आत्मानंद (Swami Atmanand) के नाम को विलुप्त नहीं किया जा रहा है। स्वामी आत्मानंद स्कूलों (Swami Atmanand School) को भी पीएम श्री योजना (PM Shree Yojana) में समाहित करना हमारा उद्देश्य है, ताकि केंद्र की राशि का सदुपयोग वहां हो सके। भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में भाजपा प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव के साथ सांसद विजय बघेल ने पत्रकारों को संबोधित किया। उन्होंने स्वामी आत्मानंद स्कूलों के नाम को लेकर कथित गलतबयानी पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर हमला किया। उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल बिना सोचे-समझे साधु-संतों का अपमान करने का आरोप लगा रहे हैं। साधु-संतों का मान-सम्मान करना उनसे ज्यादा भारतीय जनता पार्टी को आता है। यह हमारे संस्कार में है, हमारे डीएनए में है, हमारे रग-रग में है।
विद्यालय तो खोल दिए लेकिन व्यवस्था क्या थी?
विजय बघेल ने कहा कि अपमान तो उन्होंने किया है। स्वामी आत्मानंद के नाम से विद्यालय खोल दिए लेकिन व्यवस्था क्या थी? एक रुपया बजट में प्रावधान नहीं। आज भी डीएमएफ फंड से शिक्षकों को तनख्वाह दी जाती है। भर्ती नहीं हुई। पुराने शिक्षकों से व्यवस्था चलाई जा रही थी। सारे रंग-रोगन डीएमएफ फंड से होता था। यह आरोप हमने पहले भी लगाया था और आज भूपेश बघेल सबसे बड़े हितैषी बनने लगे हैं।
स्वामी आत्मानंद स्कूलों को पीएम श्री योजना में समाहित करने की है योजना
उन्होंने कहा कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की योजना स्वामी आत्मानंद स्कूलों को पीएम श्री योजना में समाहित करने की है, ताकि केंद्र की राशि का सदुपयोग वहां भी हो सके और एक अच्छी व्यवस्था बच्चों को और प्राध्यापकों को मिल सके। पूर्व चयनित 211 स्कूलों के अलावा दूसरे चरण में 500 से अधिक स्कूलों का चयन किया जाएगा। केंद्र सरकार ने इसके लिए बजट में 27 हजार रुपए से अधिक का आवंटन 2024 से पांच साल की अवधि के लिए किया है।
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