देश24 न्यूज:
Raipur: राजधानी रायपुर के उरला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नवजात बच्चे की मौत मामले में डॉक्टर (Doctor) पूनम सरकार पर अब FIR दर्ज हुई है। नवजात के पिता ने उरला थाने में शिकायत की थी। पुलिस ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) की जांच रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर को आरोपी बनाया है।
बताते चलें कि इस मामले की शासन ने लापरवाही उजागर होते ही आरोपी महिला डॉक्टर को नौकरी से बर्खास्त कर दिया था। इस बारे में जांच अधिकारी इंस्पेक्टर बीएल चंद्राकर के मुताबिक, 1 जुलाई को संतोष साहू अपनी पत्नी की डिलीवरी उरला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में करवा रहे थे। ड्यूटी में संविदा डॉक्टर पूनम सरकार मौजूद थी।
डॉ. पूनम ने महिला की शुरुआती जांच में एनीमिक होने की आशंका, पैर और चेहरे पर सूजन होने के बावजूद उनका ब्लड और यूरिन टेस्ट नहीं किया। न ही केस शीट में इसकी एंट्री की।
इस घटना को लेकर स्टॉफ के बीच चर्चा थी कि, डिलीवरी के दौरान बच्चे का सिर बाहर आ गया था। लेकिन डॉक्टर पूनम सरकार ने किसी भी नर्सिंग स्टॉफ को मदद के लिए नहीं बुलाया। इसके पीछे की वजह नर्स-डॉक्टर के बीच आपसी विवाद बताई गई। महिला डॉक्टर के नहीं बुलाने पर कोई नर्स भी मदद करने के लिए अंदर नहीं गई। जिससे बच्चा भी अंदर फंसा रहा और मौत हो गई।
शासन ने किया था बर्खास्त:
इस घटना के सामने आने के बाद शासन ने संविदा डॉक्टर को नौकरी से बर्खास्त और स्वास्थ्य केंद्र के एक प्रभारी डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया था। सीएमएचओ ने भी इन्हें जांच में दोषी पाया था। इस जांच के दौरान डॉ. पूनम सरकार से 3 सदस्यीय जांच दल ने करीब 5 घंटे तक पूछताछ की थी। उन्होंने पाया कि, डिलीवरी के दौरान डॉक्टर पूनम ने प्रोटोकॉल में लापरवाही की गई। इसी तरह स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील साहू ने भी मामले में घोर लापरवाही और कर्तव्यों के प्रति उदासीनता का परिचय दिया। जिस वजह से उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था।
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