देश24 न्यूज:
राजनांदगांव। छग कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन राजनांदगांव जिला ईकाई अपने प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा एवं प्रांतीय सचिव राजेश चटर्जी के आव्हान पर, जिला संयोजक डॉ. केएल टाण्डेकर एवं महासचिव सतीश ब्यौहरे के नेतृत्व में, राजनांदगांव जिले में शासकीय सेवकगण अपनी डीए और गृहभाड़ा भत्ते सहित चार सूत्रीय लंबित मांगों के समर्थन में एक दिवसीय प्रांतव्यापी धरना-प्रदर्शन के माध्यम से आंदोलनरत् हुए। कलम बंद-काम बंद के नारे के साथ अपनी मांगों को लेकर यह आंदोलन आज 27 सितंबर की प्रातः लगभग 10 बजे से शाम 4 बजे तक धरनास्थल कलेक्ट्रेट के सामने फ्लाई ओव्हर के नीचे संपन्न हुआ। तत्पश्चात शाम 4 बजे कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें विभिन्न विभागों के शासकीय सेवकगण एकत्रित होकर अपनी लंबित मांगों के लिये जोर-शोर से एकजुट होकर नारेबाजी करते एवं राज्य शासन के कर्मचारियों को केन्द्र शासन के समान देय तिथि अनुसार 50 प्रतिशत डीए एवं बकाया एरियर्स राशि सहित सांतवे वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता की मांग करते हुए वृहद स्तर पर हड़ताल, एवं धरना-प्रदर्शन करते दिखाई दिये।
आंदोलन के विषय में फेडरेशन के जिला संयोजक डॉ. केएल टाण्डेकर एवं महासचिव सतीश ब्यौहरे ने बताया कि पूर्व में फेडरेशन के द्वारा शांतिपूर्ण चरणबद्ध आंदोलन के माध्यम से राज्य शासन को समय-समय पर अपनी जायज मांगों के निराकरण हेतु अनुरोध किया जाता रहा है, किन्तु राज्य शासन द्वारा शासकीय सेवकों के हित में समाधानकारक निर्णय नहीं लेने के कारण प्रदेश के कर्मचारीगण, अधिकारीगण, पेंशनर्स प्रताड़ित हो रहे है। शासन द्वारा राज्य सेवा के कर्मचारियों के वेतन में लगातार कटौती की जा रही है, और उनके मौलिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है जिसके कारण शासकीय सेवकों में निराशा और आक्रोश व्याप्त है और वे अपने हक की लड़ाई के लिये लामबद्ध हो रहे हैं। उल्लेखनीय है कि राज्य शासन के सैंकड़ो कर्मचारीगण-अधिकारीगण सामूहिक रूप से अवकाश लेकर आज 27 सितंबर को राजनांदगांव जिला कार्यालय के सामने, फ्लाईओवर के नीचे जीई रोड पर एक दिवसीय प्रान्तव्यापी कलम बंद-काम बंद हड़ताल, एवं धरना-प्रदर्शन के माध्यम से शासन तक अपनी बात पहंॅचाने का प्रयास किया है और इसमे काफी हद तक सफल भी रहे है, जिसके चलते आज ब्लाक, तहसील एवं जिला स्तर के शासकीय कार्यालयों एवं विभागों में दिनभर कामकाज ठप्प रहा है। जिले के कई अधिकारीगण भी कार्यालयों में अपनी सीट पर अनुपस्थित रहकर आज के इस आंदोलन को मौन समर्थन देते दिखे। शासकीय सेवकों की केन्द्र शासन के समान देय तिथि से डीए एवं सांतवे वेतनमान के अनुरूप गृहभाड़ा भत्ते सहित चार सूत्रीय मांगों को पूरा करने के राजनांदगांव जिला ईकाई के इस आंदोलन में मुख्य रूप से विभिन्न संगठनों एवं संघों के अध्यक्षगण पदाधिकारीगण सदस्यगण सैकड़ों की तादाद में उपस्थित रहे।
फेडरेशन के पदाधिकारी में मुख्य रूप से जिला संयोजक डॉ. केएल टांडेकर, जिला महासचिव सतीश ब्यौहरे, एसके ओझा, पदाधिकारीगण पीआर झाड़े, रामनारायण बघेल, उत्तम फंदियाल संतोष चौहान, डॉ. अशोक जैन, अरूण देवांगन, आदर्श वासनिक, आनंद कुमार श्रीवास्तव, संजय तिवारी, महेश्वर प्रसाद साहू, परदेसी राम साहू, कौशल कुमार शर्मा, विनोद मिश्रा, राज्यशेखर मेश्राम, डीएल चौधरी, भूपेंद्र कांडे, अजीत दुबे, यशवंत सिन्हा, महेश साहू, जाकेश साहू, कृतलाल साहू, हरीश भाटिया, जयंत बावने, एनएल देवांगन, उपेन्द्र रामटेके, हरीशचंद यादव, जीआर देवांगन, अंबरीश प्रजापति, दिलीप बारले, डॉ. बीपी चंद्राकर, भीषम ठाकुर, विनोद टांडेकर, यशवंत नेताम, रोशन साहू, वीरेंद्र कुमार रंगारी, मुकेश महेश्वरी, राजेन्द्र देवांगन, सीएल चंद्रवंशी, अभिषेक श्रीवास्तव, नितिन देशमुख, दीपक कुमार वैष्णव, डॉ. अशोक जैन, डॉ. माजिद अली, यशवंत जंघेल, दुर्गा जादौन, मनीष साहू, विजय यदु, डीके लिल्हारे, श्रीमती प्रतिमा मल, डैनी राम वर्मा, अभय श्रीवास्तव, भेल सिंह वर्मा, योगेंद्र नाथ पांडे, संतोष देशमुख, रोशन साहू, प्रीति बाला लाटिया, राजेश रथी, धनलक्ष्मी महोबिया, लक्ष्मी देवांगन प्रमुख रहे।
आंदोलन के विषय में जिला संयोजक डॉ. केएल टांडेकर एवं जिला महासचिव सतीश ब्यौहरे ने यह भी बताया कि राज्य के कर्मचारी-अधिकारी, शासन के उपेक्षापूर्ण रवैय्ये से क्षुब्ध एवं व्यथित होकर, इसके विरोध में आज प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन के माध्यम से आंदोलन कर रहे हैं और इस आंदोलन को राज्य सेवा के विभिन्न 112 से अधिक कर्मचारी एवं अधिकारी संगठनों का समर्थन प्राप्त है, जो राज्य शासन से अपनी मांगों को लेकर प्रदेशव्यापी आंदोलन के लिये कमर कस चुके हैं, यदि शासन छग कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन की लंबित मांगों पर शीघ्र कोई समाधानकारक ठोस निर्णय नहीं लेती है तो यह और उग्र होगा, अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए फेडरेशन रूख करेगा, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी राज्य शासन की होगी।