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'शोक-संदेश' है ये... दो कुओं ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ में दुख, मातम और अफसोस का जहर घोल दिया। 'तीन महीने की सुहागन' को प्रकृति ने ऐसा मनहूस बर्थडे गिफ्ट किया कि वह विधवा हो गई। ठीक इसी तरह एक के बाद एक 9 लोगों की मौत के बाद जांजगीर-चांपा और कोरबा इलाका 'शोक' में है। कई जोड़ी आंखें नम हैं। हर कोई सुनने या जानने वाला बस थर्रा जा रहा है। पूछ रहा है, यह भी क्या होे गया। साथ ही ये घटना अब सबके लिए 'संदेश' भी दे रही है कि, ऐसा भूलकर भी नहीं करें। जानिए, 9 मौतों का पूरा हाल...
रायपुर/जांजगीर-चांपा/ कोरबा: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के जांजगीर-चांपा (Janjgir-Champa) और कोरबा (Korba) में दो अलग-अलग घटनाओं में शुक्रवार को कुएं में डूबने से 9 लोगों की मौत हो गई। दोनों ही हादसे कुएं में गिरे ग्रामीणों को बचाने के फेर में हुए हैं। बताया जा रहा है कि दोनों ही मामलों में मौत का कारण जहरीली गैस का रिसाव है। वहीं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (Chief Minister Vishnudev Sai) ने मृतक के परिजन के लिए मुआवजे की घोषणा की है। बताते चलें कि, इन दोनों ही घटनाओं से छत्तीसगढ़ एक बार फिर थर्रा गया है। वहीं चिंता का विषय ये भी है कि, यह ऐसी घटना है, जिसकी पुनरावृत्ति कहीं भी-कभी भी हो सकती है। मिली जानकारी के मुताबिक, जांजगीर-चांपा में हुए हादसे में पिता-दो पुत्रों सहित 5 लोगों की मौत हुई है। जबकि कोरबा में पिता-पुत्री और दो अन्य लोगों की जान गई है। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस और एसडीआरएफ टीम की मदद से सभी शवों को निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
जांजगीर-चांपा में कुएं में जहरीली गैस के रिसाव से 5 लोगों की खबर है। यहां हादसा सुबह करीब 7.30 बजे एक व्यक्ति को बचाने के फेर में हुआ है। वहीं कोरबा में कटघोरा के ग्राम जुराली के डिपरापारा निवासी जरहू पटेल दोपहर में कुएं में गिर पड़ा। इसका पता उसकी बेटी सपीना को चला तो वह पिता को बचाने के लिए कुएं में कूद गई। हालांकि, वह भी अंदर ही फंस गई और दम तोड़ दिया। कुएं में दो शवों को देख स्थानीय मनबोध और शिवचरण भी नीचे उतरे, लेकिन उनकी भी मौत हो गई।
इस बारे में बिर्रा एसडीओपी यदुमणि सिदार ने बताया कि किकिरदा गांव निवासी रामचंद्र जायसवाल (60 वर्ष) कुएं में लकड़ी अंदर गिरने पर उसे निकालने घुसा था। इस दौरान गैस का रिसाव होने लगा और वह बहोश हो गया। इसके बाद पत्नी के शोर मचाने पर उसके दो बेटे और अन्य लोग भी कुएं में उतरे, लेकिन कोई जिंदा नहीं लौटा। मरने वाले एक युवक की पत्नी का शुक्रवार को ही जन्मदिन था।
हवा से गिरे छप्पर को निकालने कुएं में उतरे थे:
बताया जा रहा है कि गांव में एक पुराना कुआं है, जो काफी समय से अनुपयोगी है। इसीलिए गांव के ही लोगों ने पुरानी लकड़ियों का छप्पर बनाकर कुएं को ढक दिया था। बारिश और तेज हवा से छप्पर कुएं में गिर गया था। छप्पर को निकालने रामचंद्र जायसवाल कुएं के अंदर गया था। काफी देर तक वापस नहीं आया तो एक-एक कर 4 लोग और कुएं में उतरे।
पिता के साथ 2 बेटे पड़ोसी को बचाने गए थे:
रामचंद्र जायसवाल को बचाने सबसे पहले पड़ोसी रमेश पटेल (50 वर्ष) आया और वह कुएं के अंदर गया। उसकी भी सांसें भरने लगीं, फिर उसे बचाने उसके दो बेटे राजेंद्र (20 वर्ष) और जितेंद्र (25 वर्ष) भी कुएं के अंदर चले गए। जब चारों कुछ देर तक नहीं लौटे तो पड़ोस में रहने वाला टिकेश्वर चंद्रा (25 वर्ष) भी इन लोगों को बचाने के लिए कुएं अंदर चला गया। लेकिन जहरीली गैस के रिसाव से पिता और 2 बेटों समेत 5 लोगों की जान चली गई। घटना की जानकारी मिलने के बाद बिर्रा पुलिस और तहसीलदार अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। इसके बाद एसडीआरएफ की टीम ने कुएं में उतरकर शवों को निकालना शुरू किया। एसपी विवेक शुक्ला मौके पर मौजूद रहे।
जन्मदिन पर... विधवा हुई तीन महीने पहले ही सुहागन बनी महिला:
इस घटना में अंतिम में सभी लोगों को बचाने के लिए घुसे टिकेश्वर चंद्रा की 3 महीने पहले ही शादी हुई थी। संयोग से शुक्रवार को ही उसकी पत्नी का जन्मदिन था। उसने वॉट्सऐप पर बर्थडे स्टेटस भी लगाया था। वहीं, रमेश पटेल खेती-किसानी का काम करता था। उसके बेटे जितेंद्र पटेल का 5 महीने का बच्चा है। वहीं, राजेंद्र पटेल ने 10 वीं कक्षा तक की पढ़ाई की थी और खेती-किसानी में हाथ बंटाता था।
CM साय ने घटना पर जताया शोक:
इन दोनों घटनाओं पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शोक जताया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उन्होंने ईश्वर से मृतकों की आत्मा की शांति और पीड़ित परिजनों को दुख सहने की शक्ति देने की प्रार्थना की। इसके साथ ही किकिरदा की घटना में मृत लोगों के परिजन के लिए 5-5 लाख रुपये और कटघोरा के ग्राम जुराली की घटना में मारे गए लोगों के परिजन के लिए 4-4 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है।
... इसलिए मौत होने की आशंका
एफएसएल टीम के एक्सपर्ट डॉ. सत्यजीत कोशरिया ने बताया कि लगभग 26 फीट के नीचे पानी है। ऐसे में कुएं में एच2एस, कार्बन मोनो आक्साइड और मिथेन गैस की संभावना है। कुआं काफी संकरा है, ढका हुआ भी था, जिससे रोशनी नहीं पड़ रही थी। इसके चलते कुएं के अंदर का पानी सड़ गया है। आॅक्सीजन लेवल भी कम है। पानी का सैंपल लिया गया है, उसे एफएसएल लैब भेजा जाएगा। रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगा कि किस गैस की वजह से मौत हुई है।
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